नई दिल्ली : अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत के दौरे पर हैं। इस दौरान शुक्रवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से व्यापार समेत कई मु्द्दों पर बातचीत की। बैठक में भारत सरकार ने काबुल स्थित अपने तकनीकी मिशन को दूतावास का दर्जा देने की घोषणा की, साथ ही अफगानिस्तान के स्वास्थ्य, आपदा राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। इसके साथ ही जयशंकर के अफगानिस्तान को नई 5 नई एंबुलेंस मुत्ताकी को सौंपी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत कोविड महामारी के दौरान अफगान स्वास्थ्य सुरक्षा का समर्थन करता रहा है और अब छह नई परियोजनाओं पर काम करने को तैयार है। बयान में कहा गया है कि भारत अफगान स्वास्थ्य संस्थानों को एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें उपलब्ध कराएगा और टीकाकरण व कैंसर दवाओं की आपूर्ति करेगा। इसके अलावा, 20 एंबुलेंस के उपहार में से पांच एंबुलेंस अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी को व्यक्तिगत रूप से भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को सौंपी। विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत पहले ही UNODC के माध्यम से ड्रग रिहैबिलिटेशन सामग्री की आपूर्ति कर चुका है और आगे भी सहयोग को तैयार है।
जयशंकर ने सौंपी 5 एंबुलेंस की पहली खेप
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के प्रतिनिधि को पांच एंबुलेंस सौंपते हुए एक पोस्ट सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर की है। उन्होंने कहा, यह 20 एंबुलेंस और अन्य चिकित्सा उपकरणों के बड़े उपहार का हिस्सा है, जो अफगान लोगों के प्रति हमारे दीर्घकालिक समर्थन को दर्शाता है।
वहीं मुत्ताकी के साथ बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में जयशंकर ने सीमापार आतंकवाद को दोनों देशों के लिए साझा खतरा बताते हुए कहा कि भारत और अफगानिस्तान को आतंकवाद से निपटने के लिए समन्वित प्रयास करने होंगे।
भारत के खिलाफ नहीं होगा अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल
मुत्ताकी ने भारत को आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान किसी भी तत्व को अपनी जमीन का इस्तेमाल नई दिल्ली के हितों के खिलाफ नहीं करने देगा और उन्होंने दाएश आतंकवादी समूह (आईएसआईएस) को इस क्षेत्र के लिए मुख्य चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि काबुल इस संघर्ष में सबसे आगे है।
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि अफगान जमीन का इस्तेमाल किसी देख के खिलाफ किसी आतंकी गतिविधि के खिलाफ नहीं होना चाहिए।
जयशंकर ने बैठक में मुत्ताकी से कहा, ‘‘आपकी यात्रा हमारे संबंधों को आगे बढ़ाने और भारत और अफगानिस्तान के बीच स्थायी मित्रता की पुष्टि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक निकटवर्ती पड़ोसी और अफगानिस्तान के लोगों के शुभचिंतक के रूप में, भारत आपके विकास और प्रगति में गहरी रुचि रखता है।’’ जयशंकर ने यह भी घोषणा की कि अफगानिस्तान में कई भारतीय परियोजनाओं को देखने वाली भारत की दीर्घकालिक साझेदारी का नवीनीकरण हुआ है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत कोविड महामारी के दौरान अफगान स्वास्थ्य सुरक्षा का समर्थन करता रहा है और अब छह नई परियोजनाओं पर काम करने को तैयार है। बयान में कहा गया है कि भारत अफगान स्वास्थ्य संस्थानों को एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें उपलब्ध कराएगा और टीकाकरण व कैंसर दवाओं की आपूर्ति करेगा। इसके अलावा, 20 एंबुलेंस के उपहार में से पांच एंबुलेंस अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी को व्यक्तिगत रूप से भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को सौंपी। विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत पहले ही UNODC के माध्यम से ड्रग रिहैबिलिटेशन सामग्री की आपूर्ति कर चुका है और आगे भी सहयोग को तैयार है।
जयशंकर ने सौंपी 5 एंबुलेंस की पहली खेप
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के प्रतिनिधि को पांच एंबुलेंस सौंपते हुए एक पोस्ट सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर की है। उन्होंने कहा, यह 20 एंबुलेंस और अन्य चिकित्सा उपकरणों के बड़े उपहार का हिस्सा है, जो अफगान लोगों के प्रति हमारे दीर्घकालिक समर्थन को दर्शाता है।
Also handed over 5 Ambulances to FM Muttaqi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 10, 2025
This is part of the larger gift of 20 ambulances, and other medical equipment reflecting our long standing support for Afghan people.
🔗: https://t.co/1tqdAoB4L5 https://t.co/wX1QP5Ms6x pic.twitter.com/5C4OxWhtHp
वहीं मुत्ताकी के साथ बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में जयशंकर ने सीमापार आतंकवाद को दोनों देशों के लिए साझा खतरा बताते हुए कहा कि भारत और अफगानिस्तान को आतंकवाद से निपटने के लिए समन्वित प्रयास करने होंगे।
भारत के खिलाफ नहीं होगा अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल
मुत्ताकी ने भारत को आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान किसी भी तत्व को अपनी जमीन का इस्तेमाल नई दिल्ली के हितों के खिलाफ नहीं करने देगा और उन्होंने दाएश आतंकवादी समूह (आईएसआईएस) को इस क्षेत्र के लिए मुख्य चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि काबुल इस संघर्ष में सबसे आगे है।
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि अफगान जमीन का इस्तेमाल किसी देख के खिलाफ किसी आतंकी गतिविधि के खिलाफ नहीं होना चाहिए।
जयशंकर ने बैठक में मुत्ताकी से कहा, ‘‘आपकी यात्रा हमारे संबंधों को आगे बढ़ाने और भारत और अफगानिस्तान के बीच स्थायी मित्रता की पुष्टि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक निकटवर्ती पड़ोसी और अफगानिस्तान के लोगों के शुभचिंतक के रूप में, भारत आपके विकास और प्रगति में गहरी रुचि रखता है।’’ जयशंकर ने यह भी घोषणा की कि अफगानिस्तान में कई भारतीय परियोजनाओं को देखने वाली भारत की दीर्घकालिक साझेदारी का नवीनीकरण हुआ है।
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