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पाकिस्तान पर हमला किया तो... इस्लामबाद में तबाही के खौफ में शहबाज के रक्षा मंत्री, तालिबान को दी 'तोरा बोरा' वाली धमकी

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इस्‍लामाबाद: अफगानिस्‍तान की तालिबान सरकार के इस्‍लामाबाद पर हमले की धमकी के बाद पाकिस्‍तान की सरकार बौखला गई है। पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री ख्‍वाजा आसिफ ने भारत पर आरोप लगाने के बाद अब तालिबान की सरकार को खुली धमकी दी है। ख्‍वाजा आसिफ ने तालिबान के साथ तुर्की में बातचीत के फेल होने के बाद एक्‍स पर पोस्‍ट करके चेतावनी दी कि अगर कोई भी आतंकी या आत्‍मघाती हमला पाकिस्‍तान के अंदर होता है तो तालिबानी शासकों को 'कड़वा घूंट' पीना होगा। तुर्की की मध्‍यस्‍थता के बाद भी तालिबान और पाकिस्‍तान के बीच बातचीत बेनतीजा रही है। ऐसे में दोनों देशों में एक बार फिर से जंग का खतरा मंडरा रहा है और दोनों ही देशों में जुबानी बयानबाजी तेज हो गई है।

ख्‍वाजा आसिफ ने एक्‍स पर कहा कि पाकिस्‍तान ने दोस्‍त देशों के कहने पर तुर्की में तालिबान के साथ बातचीत शुरू की थी ताकि शांति को एक मौका दिया जा सके। पाकिस्‍तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि अफगानिस्‍तान के कुछ अधिकारियों के जहरीले बयान से साफ है कि तालिबानी शासन का कुटिल और खंडित चेहरा दिखाई दे रहा है। ख्‍वाजा आसिफ ने कहा, 'हमने बहुत लंबे समय से आपके विश्‍वासघात और उपहास को सहन किया है लेकिन अब और नहीं। पाकिस्‍तान के अंदर अगर कोई भी आतंकी या आत्‍मघाती हमला होता है तो आपको यह दुस्‍साहस कड़वा स्‍वाद चखाएगा। निश्चिंत रहें और यदि आप चाहें तो हमारे संकल्‍प और क्षमताओं की अपने जोखिम और विनाश के आधार पर परीक्षण करें।'

पाकिस्‍तानी रक्षा मंत्री ने दी तोरा बोरा की धमकी

पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री ने आगे कहा, 'मैं उन्‍हें (तालिबान) को आश्‍वस्‍त करना चाहता हूं कि तालिबान शासन को पूरी तरह से खत्‍म करने और उन्‍हें वापस गुफाओं में ढकेलने के लिए पाकिस्‍तान को अपने हथियारों के जखीरे का एक हिस्‍सा भी इस्‍तेमाल करने की जरूरत नहीं होगी। अगर वे ऐसा करना चाहते हैं तो तोरा बोरा में उनकी करारी शिकस्‍त के दृश्‍यों की पुनरावृत्ति निश्‍चित रूप से इस क्षेत्र के लोगों के लिए देखने लायक तमाशा होगी।' बता दें कि अफगानिस्‍तान पर हमले के दौरान अमेरिका ने तोरा बोरा की पहाड़ी पर बहुत ही भीषण हमला किया था जिसमें कई तालिबानी मारे गए थे।

इस बीच पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता इस्तांबुल में चार दिनों तक जारी रही लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने तालिबान सरकार पर सीमा पार हमलों के लिए ज़िम्मेदार चरमपंथियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने से इनकार करने का आरोप लगाया। यह वार्ता दोहा में पहले दौर की वार्ता के बाद हुई है, जिसके बाद 19 अक्टूबर को दोनों पक्षों के बीच संघर्षविराम हुआ था। पाकिस्तान तालिबान पर हमलों को अंजाम देने वाले चरमपंथियों को पनाह देने का आरोप लगाता है, जबकि अफगानिस्तान इस बात से इनकार करता है कि उसकी ज़मीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है।

तुर्की का पीस डील का प्रयास बेकार

पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि कतर और तुर्किये की मध्यस्थता के बावजूद बातचीत में कोई व्यावहारिक समाधान नहीं निकला। तरार के बयान पर अफगानिस्तान ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे पहले पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरकारी मीडिया ने कहा था कि वार्ता में गतिरोध है और उसने समझौते तक पहुंचने में विफलता के लिए आरोप-प्रत्यारोप लगाए थे।
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