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भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं... भारतीय मीडिया पर भड़का तुर्की, बोला- दुष्प्रचार किया जा रहा

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अंकारा: दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर तुर्की ने जमकर भड़ास निकाली है। उसने आरोप लगाया है कि भारतीय मीडिया तुर्की के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि दिल्ली विस्फोट के दो संदिग्धों ने तुर्की में जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं से मुलाकात की थी। सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया था कि तु्र्की भारत में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा है और आतंकवादी समूहों को सैन्य, राजनयिक और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इन्हीं रिपोर्टों पर तुर्की ने प्रतिक्रिया दी है।

तुर्की ने क्या कहा
तुर्की सरकार से जुड़े डिसइंफॉर्मेशन सेल ने एक्स पर लिखा, "कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों में जानबूझकर यह दावा करने वाली रिपोर्टें कि "तुर्की भारत में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा है और आतंकवादी समूहों को सैन्य, राजनयिक और वित्तीय सहायता प्रदान करता है।" यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा हैं।"




बोला- तुर्की आतंकवाद के खिलाफ
पोस्ट में आगे कहा गया, "तुर्की सभी प्रकार के आतंकवादी कृत्यों का दृढ़ता से खंडन करता है, चाहे वे कहीं भी या किसी के द्वारा किए गए हों, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग के माध्यम से आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में एक अग्रणी देश के रूप में खड़ा है। इस संदर्भ में, तुर्की संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति में सक्रिय रूप से योगदान देता है और नाटो की आतंकवाद-रोधी नीतियों को आकार देने में प्रभावी भूमिका निभाता है।"

दावों पर विश्वास न करने को कहा
उन्होंने आगे कहा, "यह दावा कि तुर्की भारत या किसी अन्य देश को लक्षित करके "कट्टरपंथी गतिविधियों" में संलग्न है, पूरी तरह से भ्रामक है और इसका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। तुर्की को निशाना बनाकर की गई ऐसी निराधार और भ्रामक रिपोर्टें अंतर्राष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता में हमारे देश के योगदान को कमज़ोर करने का प्रयास हैं। जनता को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे भ्रामक दावों पर विश्वास न करें।"
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