लंदन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ब्रिटेन की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान अफगानिस्तान को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर दोबारा कब्जे की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां से चीन के परमाणु हथियार बनाने की जगह सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है। बगराम अफगानिस्तान का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। अमेरिका ने तालिबान के खिलाफ युद्ध के दौरान इसी एयरबेस को अपना सैन्य अड्डा बनाया था। यहीं से अमेरिकी हेलीकॉप्टर, ड्रोन, लड़ाकू विमानों और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स को ऑपरेट किया जाता था।
ट्रंप ने बगराम हवाई अड्डे पर क्या कहा
ट्रंप ने बकिंघमशायर में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के चेकर्स स्थित आवास पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हम बगराम को दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक, विशाल हवाई अड्डे के रूप में बनाए रखेंगे। हमने इसे उन्हें मुफ्त में दे दिया। वैसे, हम इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं। ठीक है, यह एक छोटी सी ब्रेकिंग न्यूज हो सकती है। हम इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें हमसे कुछ चाहिए। हम उस अड्डे को वापस चाहते हैं। लेकिन हम इस अड्डे को इसलिए चाहते हैं क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं, यह चीन के परमाणु हथियार बनाने की जगह से एक घंटे की दूरी पर है। इसलिए बहुत सी चीज़ें हो रही हैं।"
बगराम को लेकर ट्रंप पहले भी देते रहे हैं बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी कई बार बगराम हवाई अड्डे पर कब्जे की बात कही है। उन्होंने 7 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में कहा था, "अगर मैं होता तो बगराम का बड़ा सैनिक अड्डा अपने पास ही रखता जो अब चीन के कंट्रोल में है।" बगराम सैन्य अड्डे के महत्व का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पिछले 20 वर्षों में तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने इस अड्डे का दौरा किया है, जिनमें जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं। जो बाइडन ने साल 2011 में बगराम हवाई अड्डे का दौरा किया था, लेकिन उस समय वह अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे।
बगराम हवाई अड्डा महत्वपूर्ण क्यों
बगराम हवाई अड्डा अफगानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित। यह अफगानिस्तान का सबसे बड़ा हवाई क्षेत्र और सैन्य अड्डा है। बगराम हवाई अड्डा काबुल से लगभग 47-60 किलोमीटर दूर है और ऐतिहासिक रूप से सोवियत और अमेरिकी सैन्य अभियानों का मुख्य केंद्र रहा है। यह एयरबेस रणनीतिक रूप से मध्य एशिया में स्थित है और इसके दो बड़े रनवे हैं। यहां से बड़े मालवाहक विमान भी आसानी से लैंड और टेक ऑफ कर सकते हैं। अमेरिका ने यहां विशाल बैरकों और क्वार्टरों का निर्माण कराया था, जहां एक समय में दस हजार से अधिक सैनिकों को रखा जा सकता है।
ट्रंप ने बगराम हवाई अड्डे पर क्या कहा
ट्रंप ने बकिंघमशायर में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के चेकर्स स्थित आवास पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हम बगराम को दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक, विशाल हवाई अड्डे के रूप में बनाए रखेंगे। हमने इसे उन्हें मुफ्त में दे दिया। वैसे, हम इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं। ठीक है, यह एक छोटी सी ब्रेकिंग न्यूज हो सकती है। हम इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें हमसे कुछ चाहिए। हम उस अड्डे को वापस चाहते हैं। लेकिन हम इस अड्डे को इसलिए चाहते हैं क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं, यह चीन के परमाणु हथियार बनाने की जगह से एक घंटे की दूरी पर है। इसलिए बहुत सी चीज़ें हो रही हैं।"
Breaking: Donald Trump says America is trying to get the Bagram Air Base in Afghanistan back from the Taliban pic.twitter.com/r2atl43JaR
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) September 18, 2025
बगराम को लेकर ट्रंप पहले भी देते रहे हैं बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी कई बार बगराम हवाई अड्डे पर कब्जे की बात कही है। उन्होंने 7 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में कहा था, "अगर मैं होता तो बगराम का बड़ा सैनिक अड्डा अपने पास ही रखता जो अब चीन के कंट्रोल में है।" बगराम सैन्य अड्डे के महत्व का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पिछले 20 वर्षों में तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने इस अड्डे का दौरा किया है, जिनमें जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं। जो बाइडन ने साल 2011 में बगराम हवाई अड्डे का दौरा किया था, लेकिन उस समय वह अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे।
बगराम हवाई अड्डा महत्वपूर्ण क्यों
बगराम हवाई अड्डा अफगानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित। यह अफगानिस्तान का सबसे बड़ा हवाई क्षेत्र और सैन्य अड्डा है। बगराम हवाई अड्डा काबुल से लगभग 47-60 किलोमीटर दूर है और ऐतिहासिक रूप से सोवियत और अमेरिकी सैन्य अभियानों का मुख्य केंद्र रहा है। यह एयरबेस रणनीतिक रूप से मध्य एशिया में स्थित है और इसके दो बड़े रनवे हैं। यहां से बड़े मालवाहक विमान भी आसानी से लैंड और टेक ऑफ कर सकते हैं। अमेरिका ने यहां विशाल बैरकों और क्वार्टरों का निर्माण कराया था, जहां एक समय में दस हजार से अधिक सैनिकों को रखा जा सकता है।
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