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बांग्लादेश में भेदभाव नहीं... हिंदू नेता की हत्या पर भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान से बौखलाई यूनुस सरकार, अलापा पुराना राग

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ढाका: बांग्लादेश ने भारत के उस बयान को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया है कि वहां अल्पसंख्यकों के साथ ज्यादती हो रही है। बांग्लादेश में हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की मौत के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने ये बयान दिया है। भारत की ओर से कहा गया है कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्कों के साथ उत्पीड़न का एक व्यवस्थित तरीका देखा जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान पर जवाब देते हुए मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि बांग्लादेश सरकार अपने नागरिकों में किसी तरह का भेदभाव नहीं करती है।शफीकुल आलम ने अपने बयान में कहा, बांग्लादेश सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। भावेश रॉय की हत्या पर आलम ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है। वह कुछ परिचित लोगों के साथ घर से निकले थे। उनके पोस्टमार्टम में चोट के कोई तत्काल संकेत नहीं मिले हैं। मौत की वजह जानने के लिए विसरा जांच का आदेश दिया गया है। ऐसे में जांच पूरी होने तक सभी को टिप्पणी से बचना चाहिए। भारत ने क्या कहा हैभाबेश चंद्र रॉय की हत्या के बाद भारत सरकार ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर आरोप लगाया है कि वो अपने अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। दिनाजपुर जिले के रहने वाले भाबेश को बुधवार को गांव के उनके घर से अगवा किया गया था। इसके बाद में वो गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाए गए और अस्पताल पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई। भाबेश की मौत के बाद भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को बयान जारी करते हुए, 'बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और उनकी बर्बर हत्या की घटना से दुखी है। यह हत्या वहां की अंतरिम सरकार में हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न का पैटर्न है। इस तरह की पिछली घटनाओं से जुड़े अपराधी भी आजाद घूम रहे हैं। यूनुस सरकार नहीं मानती उत्पीड़न की बातबांग्लादेश में बीते साल शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद मोहम्मद यूनुस के हाथों में सत्ता की कमान आई है। यूनुस सरकार में बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। अल्पसंख्यकों पर हमले और उनके व्यवसायों को भी निशाना बनाया गया है। हालांकि यूनुस सरकार ने हर बार इससे इनकार करते हुए भारत पर ही प्रोपेगैंडा फैलाने का दोष मढ़ा है।
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