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National Security : व्हाट्सएप हुआ पुराना, अब संभव से सुरक्षित रहेगी सेना की हर बात ,ऑपरेशन सिंदूर में कैसे बची देश की खुफिया जानकारी?

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News India Live, Digital Desk: National Security : आज के डिजिटल युग में जहां एक मैसेज से दुनिया बदल जाती है, वहीं देश की सुरक्षा में एक छोटी सी चूक भी भारी पड़ सकती है. इसी खतरे को भांपते हुए भारतीय सेना ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. आम लोगों की तरह व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने वाली सेना ने अब अपनी बातचीत को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए एक नया 'देसी' ऐप अपना लिया है, जिसका नाम है- 'संभव' (SAMBHAV).सेना का यह बदलाव उस समय और भी खास हो जाता है जब हम 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी संवेदनशील मुहिम की बात करते हैं. इस ऑपरेशन के दौरान यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी था कि सेना की कोई भी योजना या जानकारी लीक न हो.क्यों पड़ी 'संभव' की जरूरत?हम सब जानते हैं कि व्हाट्सएप जैसे विदेशी ऐप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होने का दावा करते हैं, लेकिन उनका डेटा विदेशी सर्वर पर स्टोर होता है. इससे हमेशा एक खतरा बना रहता है कि यह डेटा किसी और देश या एजेंसी के हाथ लग सकता है. खासकर तब, जब मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हो.सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, "आधुनिक युद्ध केवल मैदान पर नहीं, बल्कि सूचना और टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर भी लड़ा जाता है." इसी को ध्यान में रखते हुए, सेना ने 'संभव' को विकसित किया.क्या है 'संभव' (SAMBHAV) की खासियत?'संभव' यानी 'सिक्योर आर्मी मोबाइल भारत वर्जन' (Secure Army Mobile Bharat Version), कोई आम मैसेजिंग ऐप नहीं है. इसे खास तौर पर सेना की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है:देसी और सुरक्षित: इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पूरी तरह से भारत में बना है और इसका सर्वर भी देश के भीतर ही है. इससे डेटा लीक होने का खतरा लगभग खत्म हो जाता है.3-लेयर सिक्योरिटी: इसे तीन स्तरों की सुरक्षा से लैस किया गया है, जिसे भेदना किसी भी हैकर के लिए नामुमकिन जैसा है.सेना के नेटवर्क पर काम: यह ऐप सेना के अपने सिक्योर नेटवर्क पर काम करता है, न कि आम इंटरनेट पर. इससे बातचीत पूरी तरह से गोपनीय रहती है.'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे महत्वपूर्ण अभियानों के दौरान 'संभव' का इस्तेमाल एक गेम-चेंजर साबित हुआ. जहां पहले व्हाट्सएप के जरिए सूचनाओं के लीक होने का डर बना रहता था, वहीं अब सेना अपनी हर रणनीति और हर कदम को पूरी गोपनीयता के साथ अंजाम दे सकती है. यह न सिर्फ हमारे सैनिकों को सुरक्षित रखता है, बल्कि देश की सुरक्षा को भी अभेद्य बनाता है. सेना का यह कदम डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक शानदार मिसाल है.
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