रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा एक बड़ी चुनौती हो जाती है। नियमित आय का स्रोत समाप्त हो जाता है और सिर्फ बचत और निवेश से ही जीवन यापन संभव होता है। इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों को अपने वित्तीय प्रबंधन में सावधानी बरतनी चाहिए ताकि दुर्भाग्यवश रिटायरमेंट फंड हाथ से न निकल जाए।वरिष्ठ नागरिकों को होने वाली आम गलतियांआय का सही आकलन न करनारिटायरमेंट के बाद जरूरी है कि मौजूद फंड का पूरा हिसाब-किताब सही से किया जाए। अक्सर लोग अपनी कुल निवेशित संपत्ति जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, बैंक एफडी, इंश्योरेंस पॉलिसीज और प्रॉपर्टी की सही वैल्यू का अंदाजा नहीं लगाते। इससे फंड की जरूरतों का ब्योरा गलत हो जाता है।असुरक्षित निवेश में पैसा लगानाकई वरिष्ठ नागरिक लालच या गलत जानकारी के बहकावे में ऐसे निवेश करते हैं जो जोखिम भरे होते हैं। इससे उनका निवेश नामुकिन हो सकता है और फंड खत्म हो सकता है।धोखाधड़ी का शिकार होनावरिष्ठ नागरिक अक्सर निवेश धोखाधड़ी का शिकार बन जाते हैं। धोखेबाज गलत उत्पाद बेचकर उनका पैसा हड़प लेते हैं। इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।जरूरी बीमा कवर न रखनास्वास्थ्य खराब होने पर मेडिकल खर्च बढ़ जाते हैं। बिना उचित स्वास्थ्य बीमा के ये खर्च भारी पड़ते हैं। इसलिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसी रखना जरूरी है।रिटायरमेंट फंड बचाने के उपायसही और समय-समय पर निवेश की समीक्षा करते रहें।पारदर्शी और विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार की मदद लें।जोखिम भरे निवेशों से बचें और स्थिर रिटर्न वाले विकल्पों को चुनें।फर्जी योजनाओं और धोखाधड़ी से सावधान रहें।आवश्यक बीमा पॉलिसी अपनाएं जो मेडिकल खर्च और अनहोनी घटनाओं को पूरी तरह कवर करे।
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