इंटरनेट डेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और लंबा खिंचता हुआ नजर आ रहा है। लगता नहीं हैं दोनों देशों के बीच कोई शांति समझौता होगा। इसी बीच अब यूक्रेन भी इस युद्ध में अपने पैर मजबूत करने के लिए दूसरे देशों से मिलने वाली मदद के बजाय खुद से कमाई करने के रास्ते खोज रहा है। पिछले तीन सालों में अपने देश में रक्षा उद्योग को बड़े स्तर पर तैयार कर चुका यूक्रेन अब यहां से निर्यात की संभावना तलाश रहा है।
जिससे यह उद्योग उसकी सैन्य शक्ति के साथ-साथ आर्थिक शक्ति को भी बढ़ा सकें। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सोमवार को ऐलान किया कि बर्लिन और कोपेनहेगन में यूक्रेन अपने कार्यालय खोलेगा। इसके तहत हथियारों के निर्यात और उन देशों में इनके संयुक्त निर्माण पर चर्चा होगी।
मीडिया रिपाटर्स की माने तो यूक्रेनी सरकार के मुताबिक इस कदम का उद्देश्य यूक्रेन को एक सहायता प्राप्त करने वाले देश से हाईटेक हथियारों का निर्यात करने वाले देश के रूप में बदलना है। रूस के साथ युद्ध में उलझे यूक्रेन को यूरोप और अमेरिका ने काफी हद तक मदद दी है। हालांकि, युद्ध के इस समय में यूक्रेन ने खुद भी हथियारों के घरेलू उत्पादन में बढ़त हासिल की है।
pc- CNN
You may also like

पंडित जी के खिलाफ पत्नी सुनीता के बयान पर गोविंदा ने मांगी माफी, कहा- उनका परिवार मुश्किल वक्त में मेरे साथ रहा

कोई भी हिंदू या भारतीय मुसलमान एसआईआर से प्रभावित नहीं होगा: समिक भट्टाचार्य

बीजापुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शासन की 'नियद नेल्ला नार' योजना का विस्तार

मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम से हैं परेशान, आयुर्वेदिक उपाय आएंगे काम

परेश रावल ने ताजमहल विवाद पर खोला अपना दिल, जानें क्या कहा!




