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अमित शाह ने बिहार में क्षेत्रीय सम्मेलनों से भरी भाजपा में नई जान, विपक्ष के सामने खड़ी की बड़ी चुनौती

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बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी रफ्तार पकड़ ली है। पार्टी की ओर से अब गृह मंत्री अमित शाह ने कमान संभाल ली है। शाह ने पूरे बिहार को साधने के लिए रणनीतिक दौरा शुरू कर दिया है।

बिहार को जोनों में बांटकर समीक्षात्मक यात्रा

अमित शाह की रणनीति के तहत बिहार को कई जोनों में विभाजित किया गया है। हर जोन में क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिनमें भाजपा कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर उन्हें चुनावी मोड में लाया जाएगा। शाह ने इस अभियान की शुरुआत डेहरी और बेगूसराय से की है।

कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कवायद

भाजपा का मानना है कि इन सम्मेलनों से न केवल संगठनात्मक ढांचा मजबूत होगा, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं का मनोबल भी ऊँचा होगा। अमित शाह ने कहा कि कार्यकर्ताओं की ताकत ही भाजपा की सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को चुनावी मिशन 2025 में पूरी ताकत झोंकने का आह्वान किया।

विपक्ष की धड़कन तेज

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अमित शाह के इन दौरों से विपक्षी दलों की धड़कन तेज हो गई है। आरजेडी और महागठबंधन पहले से ही अपनी तैयारियों को धार दे रहे थे, लेकिन शाह की क्षेत्रीय समीक्षात्मक यात्रा ने भाजपा को एक नई ऊर्जा दी है।

लगातार होंगे सम्मेलन

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, यह सिर्फ शुरुआत है। पार्टी अब एक-एक करके पूरे बिहार में क्षेत्रीय सम्मेलन करेगी। शाह और अन्य केंद्रीय नेता राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे। इन सम्मेलनों में चुनावी रणनीति से लेकर सीट शेयरिंग और बूथ स्तर तक की तैयारियों की समीक्षा होगी।

बड़ा संदेश

डेहरी और बेगूसराय से चुनावी शंखनाद कर अमित शाह ने साफ कर दिया है कि भाजपा इस बार किसी भी सूरत में पीछे हटने वाली नहीं है। विपक्ष के लिए यह स्पष्ट संकेत है कि आने वाले महीनों में भाजपा पूरी ताकत झोंककर मैदान में उतरने जा रही है।

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