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सिरसा में घग्घर नदी का तांडव, बांध टूटने से खेत जलमग्न, ग्रामीण और प्रशासन बचाव में जुटे

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-सैकड़ों ग्रामीण बांध को मजबूत करने में जुटे

सिरसा, 8 सितंबर (Udaipur Kiran) । घग्घर नदी के तटबंध टूटने से पनिहारी और नेजाडेला के खेतों में ढाई से तीन फुट पानी भर गया। ग्रामीण और शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के सेवादार बांध को मजबूत करने में जुटे हैं। प्रशासन ने नाव, जेसीबी मशीनें और मिट्टी की ट्रॉलियां तैनात कीं। ओटू हेड पर 27,500 क्यूसेक पानी और राजस्थान की ओर 20,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

रंगा गांव के सरपंच करमजीत सिंह ने कहा कि घग्गर नदी उफान पर है। अगर घग्गर के तटबंधों को मजबूत नहीं किया गया तो गांवों और फसलों के डूबने का खतरा है। उन्होंने बताया कि गांव थिराज के सरपंच प्रतिनिधि प्रगट सिंह, मतड़ के सरपंच अजैब सिंह और लहंगेवाला के सरपंच मक्खन सिंह ने उपायुक्त से मिलकर गांवों को घग्गर नदी की बाढ़ से बचाने के लिए तटबंधों को मजबूत करने के लिए जेसीबी मशीनों, मिट्टी की टैक्टर ट्रॉलियों, बांध पर लाइट के प्रबंधनों की मांग रखी, ताकि घग्गर के बांधों को टूटने से बचाया जा सके।

इसके अलावा गांव शाहपुरिया रोड, जांडवाला के पास घग्गर ड्रेन सेमनाला रात टूट गया, जिससे लगभग 35 से 40 फुट की दरार बन गई। पानी का तेज बहाव गांव की ओर बढ़ रहा था, लेकिन सूचना मिलते ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर कमेटी के सेवादार मौके पर पहुंचे और तुरंत बांध निर्माण का कार्य शुरू कर दिया। सेवादारों ने मिट्टी के गट्टे भरकर, मानव शृंखला बनाकर और लकड़ी की जालियों का सहारा लेकर कटाव को रोकने का कार्य शुरू किया।

उल्लेखनीय है कि घग्गर नदी भारत में वर्षा-ऋतु में चलने वाली एक मौसमी नदी है। इसे हरियाणा के ओटू वीयर से पहले घग्गर नदी के नाम से जाना जाता है।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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