शुभारंभ कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी हुए शामिल
चेन्नई, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य में एक बड़ा रिकॉर्ड बनाने वाली नाश्ता योजना का अनुसरण अन्य राज्यों ने भी करना शुरू कर दिया है। बच्चों के साथ नाश्ता करने से मुझे शक्ति मिली है। मुख्यमंत्री स्टालिन चेन्नई के शहरी क्षेत्रों के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ‘मुख्यमंत्री नाश्ता योजना’ के विस्तार का शुभारंभ के बाद संबाेधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने मंगलवार काे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के साथ चेन्नई के शहरी क्षेत्रों के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ‘मुख्यमंत्री नाश्ता योजना’ के विस्तार का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री स्टालिन, उदयनिधि और भगवंत मान ने मायलापुर के सेंट सुसैयप्पार प्राइमरी स्कूल में आयोजित एक समारोह में साथ बैठकर नाश्ता भी किया।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि बच्चों के साथ नाश्ता करने से मुझे शक्ति मिली है। अगर 20 लाख बच्चे इस योजना के तहत भोजन कर रहे हैं, तो इससे बड़ी खुशी मुझे और क्या मिल सकती है। स्टालिन ने कहा कि एक बार, जब मैं अशोक नगर स्कूल गया, तो वहाँ कुछ छात्रों ने कहा कि उन्होंने नाश्ता नहीं किया है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह दोपहर के भोजन की योजना शुरू की गई है। इससे स्कूल आने वाले बच्चे भूख से नहीं जूझते। मैं इस योजना की प्रत्यक्ष निगरानी कर रहा हूँ। उन्हाेंने कहा कि इस योजना से सरकारी स्कूल के बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है। बच्चे अस्पताल कम गए हैं। बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। सीखने की क्षमता में भी सुधार हुआ है। अगर यह योजना यहां अच्छी रही, तो दूसरे राज्य भी इसका अनुसरण करेंगे। मेरी बस यही इच्छा है कि तमिलनाडु हर तरह से नंबर वन बने। यहां के छात्र अच्छा पढ़ें और अच्छा खाएं। यही मेरी प्रार्थना भी है। स्टालिन ने कहा कि इस योजना के बाद, स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है और स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई है। अगर 20 लाख छात्रों को इस योजना का लाभ मिल रहा है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि बच्चे स्वस्थ होंगे तभी वे पढ़ाई कर पाएँगे। इससे राज्य की प्रगति होगी।
इस माैके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी संबोधित किया। उन्हाेंने कहा कि मुझे इस योजना के उद्घाटन समारोह में उपस्थित होकर बहुत गर्व हो रहा है। उपमा, मसाला डोसा आदि पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं। ये छात्रों को दिए जाते हैं। जब बच्चे भूखे होते हैं, तो वे पढ़ाई नहीं कर पाते। वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। मिड-डे मील एक अच्छी योजना है। लेकिन चूँकि कामकाजी माता-पिता के लिए दोपहर का भोजन बनाना मुश्किल होता है, इसलिए मैं अपनी कैबिनेट में भी इस योजना पर विचार करूँगा।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि कुछ विदेशों में भी नाश्ते का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। यह एक अच्छा कार्यक्रम है, जो न केवल छात्रों की भूख मिटाता है, बल्कि उनके ज्ञान की भूख को भी शांत करता है। मैं शिक्षकों से अनुरोध करता हूँ कि वे छात्रों को न केवल स्कूल में पढ़ाई करवाएँ, बल्कि उन्हें खेलने का भी मौका दें। नाश्ते के कार्यक्रम ने न केवल छात्रों के कुपोषण को दूर किया है, बल्कि उनकी पढ़ने की क्षमता को भी बढ़ाया है।
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(Udaipur Kiran) / Dr. Vara Prasada Rao PV
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