जोधपुर, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की दीर्घायु के लिए मनाया जाने वाला बछ बारस का पर्व बीस अगस्त को उल्लासपूर्वक मनाया जाएगा। यह पर्व मां और संतान के बीच वात्सल्य भाव का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से बछड़े वाली गाय की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव के बाद आने वाला यह पर्व गोवर्धन पूजन की परपरा से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन महिलाएं विशेष व्रत रखती हैं।
परपरानुसार गेहूं से बने धान, गाय के दूध से बने व्यंजन और चाकू से कटी सब्जियों का परित्याग किया जाता है। घर-घर में बाजरे की रोटी और मोठ-चने की सब्जी का पारपरिक भोजन बनाया जाता है। यह सादा आहार व्रत की शुद्धता और सात्विकता का प्रतीक है।
सुबह सबसे पहले गाय और उसके बछड़े का पूजन कर उन्हें चारा खिलाया जाता है। इसके बाद माताएं अपने पुत्र-पौत्रों को आशीर्वाद देने की अनूठी रस्म निभाती हैं। पर्व की सबसे भावुक परपरा यह है कि बच्चे मां के हाथ से बने लड्डू खाते हैं और चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेते हैं। हर उम्र के बच्चों में इस दिन विशेष उत्साह रहता है।
गो-सेवा और सामाजिक आयोजन: बछ-बारस के अवसर पर गोशालाओं में भी विशेष पूजन किया जाता है। भक्तजन गो-सेवा और दान-पुण्य का कार्य कर पुण्य अर्जित करते हैं। कई स्थानों पर महिलाओं के सामूहिक कीर्तन व भजन-संध्या का भी आयोजन होता है।
(Udaipur Kiran) / सतीश
You may also like
तुला राशि वाले सावधान! 20 अगस्त 2025 का राशिफल लाएगा बड़ा बदलाव
नागार्जुन अक्किनेनी की अगली फिल्म KING100 की घोषणा
सीएसजेएमयू में फिन एक्स के सहयोग से बीएफएसआई क्षेत्र में सफल करियर के लिए विद्यार्थियों को बनाएगा सक्षम : निदेशक
बलिया के रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी को राज्यपाल ने राजभवन में किया सम्मानित
खाद वितरण पर अफवाहों से बचें किसान, अधिकारियों से करें संपर्क : जिलाधिकारी