यरुशलम, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गाजा युद्ध और भविष्य की योजना को लेकर कई अहम बयान दिए। उन्होंने कहा कि यह अवसर “झूठ का पर्दाफाश” करने के लिए है।
नेतन्याहू ने दावा किया कि हमास के पास अब भी गाजा में हजारों हथियारबंद आतंकवादी मौजूद हैं, जो 07 अक्टूबर 2023 के हमले जैसी “बर्बरता” दोहराने की बात कर चुके हैं। उस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 लोगों को बंधक बनाया गया था।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि इजराइल का लक्ष्य गाजा पर कब्जा करना नहीं, बल्कि उसे “हमास आतंकवादियों से मुक्त कराना” है। उन्होंने कहा कि युद्ध तब समाप्त हो सकता है जब हमास हथियार डाल दे और सभी शेष बंधकों को रिहा कर दे। उनकी योजना के अनुसार, गाजा को निरस्त्र किया जाएगा। इजराइल को “सुरक्षा की सर्वोच्च जिम्मेदारी” मिलेगी। सीमा पर एक सुरक्षा क्षेत्र बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में घुसपैठ रोकी जा सके। गाजा में एक नागरिक प्रशासन स्थापित किया जाएगा, जो इजराइल के साथ शांति से रहना चाहे।
नेतन्याहू ने कहा कि हमास के आत्मसमर्पण से इनकार के चलते “काम पूरा करना और हमास को पूरी तरह हराना” ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने बताया कि इजराइल अब तक गाजा के 70–75 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण कर चुका है, लेकिन गाजा सिटी और “सेंट्रल कैंप्स व मोआसी” में हमास के ठिकाने अब भी बचे हैं।
वहीं, गाजा सिटी पर नियंत्रण की अपनी योजना का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि यह युद्ध समाप्त करने का “सबसे तेज और बेहतर तरीका” है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को पहले सुरक्षित जोन में भेजा जाएगा, जहां उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
मानवीय संकट के आरोपों पर नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल ने युद्ध के दौरान गाजा में लगभग 20 लाख टन सहायता सामग्री भेजी है। उन्होंने दावा किया कि “अगर हमारी नीति भूखमरी की होती, तो दो साल के युद्ध के बाद गाजा में कोई जीवित न रहता।” उन्होंने आरोप लगाया कि “गाजा में केवल बंधकों को जानबूझकर भूखा रखा जा रहा है, न कि आम फिलिस्तीनी नागरिकों को” और कहा कि मीडिया ने हमास के आंकड़ों व तस्वीरों पर भरोसा कर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।
मानवीय सहायता को लेकर नेतन्याहू ने बताया कि वह अमेरिका से “अतिरिक्त उपायों” पर बात कर रहे हैं, जिनसे गाजा में सहायता पहुंचाई जा सके। इसमें सुरक्षित इलाकों का विस्तार, गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन के वितरण केंद्रों को मजबूत करना और अंतरराष्ट्रीय संगठनों, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र, को भी शामिल करने की कोशिशें शामिल हैं। उन्होंने हवाई रास्ते से सहायता पहुंचाने में वृद्धि की बात भी कही, हालांकि इसे जमीनी मार्ग से कम महत्वपूर्ण बताया।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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