जयपुर, 17 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान में जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। शनिवार रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ ही प्रदेशभर के मंदिरों में जयकारों की गूंज सुनाई दी। मंदिरों के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ी।
जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर से लेकर नाथद्वारा के श्रीनाथजी, खाटूश्यामजी, करौली के मदनमोहनजी और चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। गोविंददेवजी मंदिर में भगवान को 31 तोपों की सलामी दी गई और 900 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया। करौली के मदनमोहनजी मंदिर में भी तोपों की सलामी के बीच जन्मोत्सव मनाया गया।
नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर में 350 वर्ष पुरानी परंपरा के अनुसार भगवान को 21 तोपों की सलामी दी गई। रिसाला चौक पर इस परंपरा को देखने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। चित्तौड़गढ़ के मंडफिया स्थित सांवलिया सेठ मंदिर में भी रात 12 बजे ढोल-नगाड़ों और जयकारों के बीच भगवान के जन्म का स्वागत हुआ। यहां भव्य आतिशबाजी और आकर्षक रोशनी ने वातावरण को उत्सवमय बना दिया।
विशेष आकर्षण के रूप में जयपुर की पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ मंदिर को फूल बंगले से सजाया गया। ठाकुरजी को विशेष पोशाक धारण कराई गई, जिसमें 4 लाख की लग्जरी घड़ी भी शामिल रही। वहीं दौसा के गिरिराज धरण मंदिर में ठाकुरजी को 3.50 लाख की विशेष पोशाक और 1.50 लाख के जेवरात से अलंकृत किया गया। मंदिर प्रांगण में कमल पंखुड़ियों पर सजी कन्हैया की झांकी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही।
उदयपुर के श्रीनाथजी मंदिर में भी मध्यरात्रि को जन्म दर्शन हुए। यहां 11 तोपों की सलामी और ‘हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैयालाल की’ के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। जन्म के बाद शालिग्रामजी का पंचामृत स्नान कराया गया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सपत्नीक जयपुर के आराध्य देव गोविन्द देव जी मंदिर में दर्शन किए और विधिवत रूप से पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं आमजन की खुशहाली की प्रार्थना की।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता में जो उपदेश दिए, वह आज भी हमारे जीवन को सार्थक बना रहे हैं। हम सभी को भगवान श्री कृष्ण के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण ने कर्म की प्रधानता का संदेश दिया था। इसे आत्मसात कर हम सभी को विकसित भारत, विकसित राजस्थान के लिए मिलकर कार्य करना होगा। इसके पश्चात शर्मा ने जयनिवास बाग में ही देवस्थान विभाग के राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के मंदिर श्री लक्ष्मीनारायण जी में भी दर्शन किए। वहीं उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी गोविंददेवजी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचीं।
—————
(Udaipur Kiran) / अखिल
You may also like
उत्तराखंड में लगातार बारिश से बाढ़ का खतरा, सड़कें क्षतिग्रस्त, जनजीवन अस्त-व्यस्त
साप्ताहिक राशिफल 18 अगस्त से 24 अगस्त 2025 तक
हर रोग का रामबाण उपाय है इस पोस्ट में.. जिसनेˈ अपनाएँ ये उपाय उसकी हो गई काया निरोगी छोड़ना मत काम की बात है
8 में से 1 व्यक्ति मेंटल डिसऑर्डर का शिकार, जानें दूर करने में कैसे मददगार है 'सत्त्वावजय चिकित्सा'
पटना में एक और हत्या से दहशत, 19 साल के छात्र को अज्ञात अपराधियों ने मारी गोली