नई दिल्ली, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News). पितृ अमावस्या आज रविवार को है और इसके साथ ही पितृ पक्ष का समापन हो गया. अश्विन मास की अमावस्या को पितृ पक्ष का अंतिम दिन माना जाता है. इस अवसर पर अंतिम श्राद्ध और तर्पण कर पितरों को विदाई दी जाती है.
सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व बताया गया है. इन 15 दिनों के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज धरती पर आते हैं और श्राद्ध के माध्यम से प्रसन्न होकर आशीर्वाद देकर लौट जाते हैं.
भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू हुआ पितृ पक्ष इस बार 7 सितंबर को प्रारंभ हुआ था और 21 सितंबर को पितृ अमावस्या के साथ समाप्त हुआ. इस दिन महालया अमावस्या भी होती है, जिसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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