– यूएनडीपी, राज्य सरकार और संस्थानों का साझा प्रयास, आपदा सहनशीलता बढ़ाने पर होगा मंथन
भोपाल, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh में बाढ़, सूखा और मौसम जनित घटनाएं बीते कुछ वर्षों में लगातार गंभीर होती जा रही हैं. इन आपदाओं से जान-माल के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ा है. इन्हीं चुनौतियों के मद्देनजर अब राज्य सरकार आपदा प्रबंधन के लिए एक दीर्घकालिक, समावेशी और वित्तीय रूप से मजबूत रणनीति की ओर बढ़ रही है. इसी क्रम में बुधवार, 15 अक्टूबर को राजधानी भोपाल में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य Madhya Pradesh में आपदा सहनशीलता को सशक्त बनाना है.
जनसम्पर्क अधिकारी संतोष मिश्रा ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में बुधवार को सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एआईजीजीपीए (AIGGPA) के कॉन्फ्रेंस हॉल में इस सम्मेलन का उद्घाटन होगा. साथ ही यूएनडीपी इंडिया की डिप्टी रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव इसाबेल त्सचान, एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार सैफी अहसन रिज़वी (ऑनलाइन माध्यम से), तथा गृह विभाग, योजना, कृषि, महिला एवं बाल विकास और वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संबोधित करेंगे. आयोजन एआईजीजीपीए, Madhya Pradesh राज्य नीति एवं योजना आयोग (MPRNA), राज्य आपदा प्रबंधन संस्थान (MP DMI) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP India) के संयुक्त प्रयास से हो रहा है.
उन्होंने बताया कि बैठक का मूल उद्देश्य राज्य में एक मजबूत और समावेशी राज्य आपदा बीमा पूल (State Disaster Insurance Pool) की अवधारणा पर चर्चा करना है, जिससे आपदाओं के दौरान प्रभावित समुदायों, खासकर किसानों, महिलाओं, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और लघु उद्यमों को त्वरित और प्रभावी वित्तीय सहायता मिल सके. सम्मेलन में ‘NATCAT पूल’ जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के जोखिम हस्तांतरण उपकरणों की संभावनाएं भी जानी जाएंगी.
सम्मेलन में दो विशेष तकनीकी सत्र भी होंगे, जिनमें एक सत्र में आपदा जोखिम कम करने की वित्तीय तैयारी और बीमा उद्योग की भूमिका पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी. वहीं दूसरे सत्र में केरल और नागालैंड जैसे राज्यों के व्यावहारिक अनुभव साझा किए जाएंगे, जो मध्यप्रदेश के लिए सीख बन सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) इस परामर्श के आधार पर एक विस्तृत तकनीकी प्रस्ताव तैयार करेगा, जिसे आगे चलकर मध्यप्रदेश सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा. यह प्रस्ताव राज्य के दीर्घकालिक आपदा प्रबंधन ढांचे को सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम होगा.
(Udaipur Kiran) तोमर
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