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धमतरी में गणेश चतुर्थी को तेली समाज ने अंतर्राष्ट्रीय तेली दिवस के रूप में मनाया

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-सामाजिक संगोष्ठी का आयोजन

धमतरी, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । विश्व तेली दिवस के अवसर पर जिला साहू संघ धमतरी द्वारा 27 अगस्त को सामाजिक संगोष्ठी का आयोजन गोकुलपुर वार्ड स्थित सत्संग भवन में किया गया। गणेश चतुर्थी के दिन विश्व तेली दिवस के रूप में मनाया जाता है। तेली समाज के गौरवशाली इतिहास और परंपरा पर अनेक वक्ताओं द्वारा वक्तव्य दिया गया। इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही तेली समाज के उत्थान के लिए समस्त पदाधिकारियों एवं सामाजिकजनों की भागीदारी नितांत आवश्यक बताया। समाज से जुड़ाव एवं शिक्षा के साथ संस्कार, परंपरा का निर्वहन आवश्यक है।

इस अवसर पर जिला साहू संघ धमतरी के अध्यक्ष अवनेन्द्र साहू, यशवंत, गणेश, विजय, महेश, राधेश्याम, रोहित गोपीकिशन, देवीभूमिका, गजानंद, कृष्णा, गणेशप्रसाद, रामकुमार, केशव, हजारीराम, विजयगौतम, असमत, अनिल, जीवन, राजेंद्र, भोलाराम,कमलेशकांत, मदन, जय कुमार, श्रवण, डोमार, उपेंद्र, अशोक, विजय, लीलाराम,नंदकिशोर,राकेश, रामसुंदर साहू आदि उपस्थित थे।

इसलिए मनाया जाता है तेली दिवस:

पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने अपने दिव्य बल से एक बालक की रचना की और द्वारपाल बनाकर खड़ा किया। जब भगवान शिव ने प्रवेश करना चाहा तो बालक ने रोका, जिससे क्रोधित होकर शिवजी ने उसका सिर काट दिया। माता पार्वती के विलाप पर शिवजी ने अपने गणों को आदेश दिया कि जो प्राणी पहले दिखे उसका सिर ले आओ। गणों को सबसे पहले हाथी मिला, जिसका सिर बालक को लगाया गया और वह गजानन गणेश कहलाए। कथा के अनुसार हाथी व्यापारी की जीविका का साधन था। उसके दुखी होने पर भगवान शिव ने उसे एक यंत्र प्रदान किया, जिससे तेल निकालकर उसने अपनी आजीविका चलाई और वही प्रथम तेली कहलाया। इस प्रकार गणेश जी की उत्पत्ति और तेली समाज की उत्पत्ति एक ही दिन हुई मानी जाती है। इसी कारण तेली समाज द्वारा गणेश चतुर्थी को अंतर्राष्ट्रीय तेली दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत की गई। जानकारी के अनुसार अभियान की शुरुआत धमतरी जिले में 11 सितंबर 2021 को प्रोफेसर घनाराम साहू के मार्गदर्शन में हुई थी, जिसे देश-विदेश से सकारात्मक प्रतिसाद मिला।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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