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अखिलेश यादव पर भाजपा का पलटवार, सपा राज में लालबत्ती की गाड़ियों में घूमते थे माफिया

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लखनऊ,07 सितम्बर (Udaipur Kiran) । समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को सोशल मीडिया के माध्यम से कई विषयों को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। सपा अध्यक्ष के बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने साेशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि अखिलेश यादव, जिनके अपने ही घर कांच के बने हों, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सपा सरकार का कुख्यात नारा सबको याद है, “समाजवादी पार्टी का नारा है, खाली प्लॉट हमारा है।” रद्दी में पड़े अखबारों का हर पन्ना गवाही देता है कि सपा राज में माफिया लालबत्ती की गाड़ियों में घूमते थे, खुलेआम कानून को चुनौती देते थे, दंगे यूपी की पहचान बन गए थे, जातिवाद और भ्रष्टाचार अपने चरम पर था और आम जनता का जीना दूभर हो गया था।

भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने आगे लिखा कि ये सब किसके संरक्षण में हो रहा था, यह बताने की जरूरत नहीं है। जनता भी जानती है और आप भी। आज डबल इंजन वाली भाजपा सरकार में दंगे भी बंद हैं और दंगाई भी बंद हैं। जहां तक पीडीए के ढोंग की बात है, वो आप रहने दीजिए। हाल ही में आपने जिस तरह एक पिछड़े समाज से आने वाली बहन (पूजा पाल) के साथ व्यवहार किया, वो पूरे प्रदेश ने देखा है और रही बात दरार की, तो आप खुद ही जानते हैं चाचा + भतीजा = 0 नतीजा।

उल्लेखनीय है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने साेशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा था कि समाज में दरार डालते-डालते भाजपा ख़ुद ही दरारों से भर गयी है। भाजपाइयों को ज़मीन-क़ब्ज़ा, भ्रष्टाचार, अंदरूनी लड़ाई और आपसी उठा-पटक से फ़ुरसत मिले तब तो वे संगठन के बारे में सोचें। इसके बारे में सपा अध्यक्ष ने भाजपा के ख़ात्मे के मूल कारण गिनाये।

– भाजपा की सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की नकारात्मक राजनीति

– ⁠अकूत पैसे कमाने की महाभ्रष्ट सोच

– ⁠किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरी-कारोबार विरोधी नीतियाँ

– ⁠भाजपाइयों के किसी के सगे नहीं होने के हर दिन बढ़ते उदाहरण

– ⁠भाजपाइयों के हर स्तर व हर तरफ से भ्रष्ट-चारित्रिक पतन के आते समाचार व वीडियो

– ⁠भाजपा व उनके संगी-साथियों द्वारा संविधान व आरक्षण को पिछले दरवाज़े से ख़त्म करने की साज़िश

– ⁠भाजपा द्वारा अपने सहयोगी दलों का घोर अपमान, उपेक्षा व तिरस्कार

– ⁠पीडीए के लिए भाजपाइयों के मन में कूट-कूटकर भरी दुर्भावना

– ⁠पीडीए समाज के उत्पीड़न-शोषण को बढ़ावा देने की वर्चस्ववादी सोच।

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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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