हिन्दू कालेज के रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन विभाग तथा 24वीं बटालियन एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में व्याख्यान का आयोजन
मुरादाबाद, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) . हिन्दू कालेज के रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन विभाग तथा 24वीं बटालियन एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में चल रही व्याख्यानमाला के अंतर्गत गुरुवार को रक्षा अध्ययन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार ने “1962 का भारत-चीन युद्ध” विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि किस प्रकार लद्दाख क्षेत्र में Indian सेना ने परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में रेजांग लॉ के युद्ध मे अभूतपूर्व वीरता और साहस का परिचय दिया. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद Indian सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा हेतु अंतिम सांस तक संघर्ष किया. मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व और उनके अदम्य साहस ने न केवल उस समय Indian सेना का मनोबल ऊँचा किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अमर प्रेरणा का स्रोत बना.
उन्होंने विद्यार्थियों और एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि 1962 का यह युद्ध केवल एक सैन्य संघर्ष नहीं था, बल्कि Indian सैनिकों के बलिदान, त्याग और अडिग देशभक्ति की गौरवगाथा है. मेजर शैतान सिंह का नाम आज भी Indian सैन्य इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है और उनकी शहादत हमें यह सिखाती है कि देश की रक्षा सर्वोपरि है.
कार्यक्रम में छात्रों और कैडेट्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस ऐतिहासिक प्रसंग से गहराई से जुड़ने का अवसर पाया. व्याख्यान के अंत में विभाग प्रभारी ने डॉ. मनोज कुमार के प्रेरक वक्तव्य के लिए आभार व्यक्त किया तथा छात्रों से आह्वान किया कि वह इन वीर सैनिकों के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्रसेवा के लिए सदैव तैयार रहें. इस अवसर पर विभाग के समस्त शिक्षक मौजूद रहे.
व्यख्यानमाला का संयोजन डॉ राजीव कुमार और संचालन डॉ चंद्रजीत यादव ने किया.
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
You may also like
ब्रह्मकुमारीज की 25 वीं चैतन्य देवियों की झांकी का हुआ शुभारंभ
100 रुपये के लिए दोस्त बना हैवान और कर दी दोस्त की हत्या, ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जब 'चुपके चुपके' सेट पर शतरंज खेलने लगे ऋषिकेश मुखर्जी, अमिताभ-धर्मेंद्र रह गए दंग
पणजी: ईडी ने मारी रेड, आपत्तिजनक चिट समेत जरूरी दस्तावेज जब्त किए
बेलूर में दूर्गा पूजा की 'साइलेंट' थीम: जानवरों के प्रति सहानुभूति और संरक्षण का संदेश