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बेंगलुरु को अलविदा कह रही 10 हजार करोड़ की कंपनी, CEO बोले- 'गड्ढों ने जीना मुहाल कर दिया'

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बेंगलुरु की सड़कों पर गड्ढों और ट्रैफिक का दर्द अब इतना बढ़ गया है कि एक बड़ी कंपनी ने शहर छोड़ने का फैसला कर लिया है। डिजिटल ट्रकिंग प्लेटफॉर्म ब्लैकबक ने अपने बेंगलुरु ऑफिस को बंद करने का ऐलान कर दिया है। कंपनी के सीईओ और को-फाउंडर राजेश कुमार याबाजी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर बेलंदूर में मौजूद उनके ऑफिस में काम करना अब नामुमकिन हो गया है।

सड़कों के गड्ढे बने मुसीबत

आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्लैकबक का बेंगलुरु छोड़ने का कारण कोई टैक्स नीति या बिजनेस की दिक्कत नहीं, बल्कि शहर की खराब सड़कें हैं। राजेश याबाजी का कहना है कि सड़कों पर भरे गड्ढे और धूल ने कर्मचारियों का ऑफिस आना-जाना मुश्किल कर दिया है। कर्मचारियों को एक तरफ का सफर करने में औसतन डेढ़ घंटे से ज्यादा समय लग रहा है। उन्होंने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा,

“ओआरआर (बेलंदूर) पिछले 9 सालों से हमारा कार्यालय और घर रहा है, लेकिन अब यहां काम करना बहुत मुश्किल हो गया है। हमने यहां से जाने का फैसला किया है। मेरे सहकर्मियों का औसत आवागमन डेढ़ घंटे (एक तरफ) तक बढ़ गया है। सड़कें गड्ढों और धूल से भरी हैं, और इन्हें ठीक करने की कोई खास कोशिश नजर नहीं आती। अगले 5 सालों में भी इसमें कोई सुधार होता नहीं दिख रहा।”

याबाजी ने साफ कहा कि प्रशासन की ओर से सड़कों को ठीक करने की कोई ठोस पहल नहीं दिख रही, जिसके चलते कंपनी को यह कठिन फैसला लेना पड़ा।

10 हजार करोड़ से ज्यादा की वैल्यू

बेंगलुरु का आउटर रिंग रोड, जहां ब्लैकबक का ऑफिस है, शहर का प्रमुख आईटी कॉरिडोर है। लेकिन यहां ट्रैफिक की समस्या और खराब सड़कें आम बात हैं। बिजनेस टुडे के मुताबिक, सितंबर 2025 में ब्लैकबक की वैल्यू 10,900 करोड़ रुपये ($1.3 बिलियन) से ज्यादा है। साल 2015 में स्थापित इस कंपनी का आधिकारिक नाम ज़िंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस है।

ब्लैकबक करती क्या है?

ब्लैकबक भारत का एक प्रमुख डिजिटल ट्रकिंग प्लेटफॉर्म है, जो ट्रक ऑपरेटरों को ऑनलाइन सेवाएं देता है। यह प्लेटफॉर्म ट्रक ड्राइवरों को कई तरह की सुविधाएं देता है, जैसे कि भुगतान मैनेजमेंट, वाहन ट्रैकिंग, माल ढुलाई के लिए बाजार और फाइनेंस विकल्प

ट्रक ऑपरेटर इस ऐप के जरिए टोल और फ्यूल से जुड़े लेनदेन को आसानी से मैनेज कर सकते हैं, जिससे खर्चे कम होते हैं और चोरी का खतरा भी घटता है। इसके अलावा, टेलीमैटिक्स की मदद से ऑपरेटर अपने ट्रक और ड्राइवरों की निगरानी कर सकते हैं। इससे ट्रक की ट्रैकिंग और ईंधन उपयोग की जानकारी मिलती है। यह प्लेटफॉर्म खाली ट्रकों को लोड से भरने और लोड प्राइसिंग तय करने में भी मदद करता है, जिससे ऑपरेटरों का काम आसान और फायदेमंद हो जाता है।

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