भारत की स्टार मुक्केबाज जैस्मिन लांबोरिया ने एक बार फिर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। हाल ही में उन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। यह जीत उनके लिए सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि पेरिस ओलंपिक 2024 में मिली हार से सीख लेकर खुद को और मजबूत करने की कहानी है। हरियाणा की इस बेटी ने अपनी मेहनत और जज्बे से दुनिया को दिखा दिया कि हार के बाद भी जीत का रास्ता बनाया जा सकता है।
पेरिस ओलंपिक: हार से मिली प्रेरणापेरिस ओलंपिक में जैस्मिन को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस हार ने उन्हें टूटने नहीं दिया। उन्होंने इस अनुभव को अपनी ताकत बनाया। जैस्मिन ने बताया, “पेरिस में मैंने बहुत कुछ सीखा। हर हार मुझे बेहतर बनाती है।” अपने कोच और सपोर्ट स्टाफ के साथ मिलकर उन्होंने अपनी कमियों पर काम किया और तकनीक को और निखारा। इसका नतीजा वर्ल्ड चैंपियनशिप में उनकी शानदार जीत के रूप में सामने आया।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में धमाकेदार प्रदर्शनवर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जैस्मिन ने 57 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा लिया। फाइनल में उनकी टक्कर थी दुनिया की दिग्गज मुक्केबाजों में से एक से। लेकिन जैस्मिन ने हार नहीं मानी। उनकी रणनीति, तेजी और सटीक पंच ने प्रतिद्वंद्वी को पस्त कर दिया। पूरे मैच में जैस्मिन ने दबदबा बनाए रखा और आखिरकार गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यह जीत भारत के लिए गर्व का पल थी, क्योंकि जैस्मिन ने न सिर्फ मेडल जीता, बल्कि दुनिया को भारतीय मुक्केबाजी की ताकत भी दिखाई।
हरियाणा की बेटी, देश का गौरवहरियाणा के भिवानी जिले की रहने वाली जैस्मिन ने बेहद साधारण पृष्ठभूमि से अपनी पहचान बनाई है। उनके पिता एक किसान हैं और मां गृहिणी। बचपन से ही जैस्मिन को खेलों में रुचि थी, लेकिन मुक्केबाजी ने उन्हें सबसे ज्यादा आकर्षित किया। भिवानी, जो पहले से ही मुक्केबाजी का गढ़ माना जाता है, अब जैस्मिन के नाम से और चमक रहा है। उनकी इस जीत ने न सिर्फ उनके गांव बल्कि पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ा दी है।
भविष्य की योजनाएं और प्रेरणाजैस्मिन अब अगले ओलंपिक की तैयारी में जुट गई हैं। उनका सपना है कि वह भारत के लिए ओलंपिक गोल्ड लाएं। उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य साफ है। मैं हर दिन खुद को बेहतर बनाने के लिए मेहनत कर रही हूं।” जैस्मिन की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो हार से डरता है। उनकी मेहनत, लगन और जज्बा बताता है कि अगर दिल में ठान लिया जाए तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
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