Matthew Breetzke : दक्षिण अफ्रीका के उभरते सितारे मैथ्यू ब्रीट्जके ने क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा दिया है। इस युवा बल्लेबाज ने अपने वनडे करियर की शुरुआती चार पारियों में 50+ स्कोर बनाकर इतिहास रच दिया। वह ऐसा करने वाले दुनिया के दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं। इस खास रिकॉर्ड में उनसे पहले भारत के दिग्गज बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू का नाम आता है। सिद्धू ने भी अपने वनडे करियर की शुरुआती चार पारियों में 50+ रन बनाए थे। भारतीय क्रिकेटर ने डेब्यू के बाद पहले दो वनडे में अर्धशतक जड़े, तीसरे मैच में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, लेकिन चौथे और पांचवें वनडे में फिर से 50+ स्कोर बनाकर सबको हैरान कर दिया था।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रीट्जके का बल्ला फिर गरजाऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रही तीन वनडे मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला मकाय में खेला जा रहा है। इस मैच में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे ब्रीट्जके ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने 78 गेंदों में 112.82 की शानदार स्ट्राइक रेट के साथ 88 रन बनाए। उनकी इस पारी में आठ चौके और दो गगनचुंबी छक्के शामिल रहे। ब्रीट्जके की इस धमाकेदार पारी ने दक्षिण अफ्रीका को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
वनडे में जलवा, लेकिन टेस्ट और टी20 में चुनौतियांब्रीट्जके का वनडे क्रिकेट में जलवा बरकरार है, लेकिन टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल में वह अब तक अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं। 26 साल के इस बल्लेबाज ने अब तक अपनी टीम के लिए दो टेस्ट, चार वनडे और 10 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। उनके बल्ले से टेस्ट की तीन पारियों में केवल 14 रन (4.67 की औसत), वनडे की चार पारियों में 378 रन (96.67 की शानदार औसत) और टी20 की 10 पारियों में 151 रन (16.78 की औसत) निकले हैं। ब्रीट्जके के नाम वनडे में एक शतक और तीन अर्धशतक हैं, जबकि टी20 में एक अर्धशतक दर्ज है।
You may also like
केंद्र सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ कर रही विश्वासघात: भाई जगताप
भाजपा के सहयोगी दलों पर दबाव बनाने के लिए लाया गया संविधान संशोधन बिल: अजय राय
राहुल गांधी ने पीएम मोदी की चुप्पी पर साधा निशाना, बोले- बिहार दौरे के दौरान 'वोट चोरी' पर एक शब्द भी नहीं कहा
Cobra: मच्छरदानी के बाद अब पानी की टंकी में घुसा कोबरा, सप्लाई ठप, पूरे गांव में बैठा नागराज का डर
वीडियो में जाने राणा कुम्भा महल का खौफनाक इतिहास, आखरी क्यों सूरज ढलते ही यहां पक्षी भी नहीं मारते पर