Broccoli for hormonal health : क्या आप जानते हैं कि आपकी रसोई में मौजूद एक साधारण सी सब्जी आपके मूड, मेटाबॉलिज्म, मासिक धर्म और त्वचा को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं ब्रोकली की, जो दिखने में भले ही साधारण हो, लेकिन इसके पोषक तत्व हार्मोन स्वास्थ्य के लिए किसी जादू से कम नहीं हैं।
आर्टेमिस हॉस्पिटल्स की रजिस्टर्ड डायटीशियन और क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. शबाना परवीन कहती हैं, “ब्रोकली उन चुनिंदा सब्जियों में से एक है, जो खासतौर पर महिलाओं के लिए हार्मोन असंतुलन, खासकर एस्ट्रोजन से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में मददगार है।”
ब्रोकली कैसे रखती है एस्ट्रोजन को संतुलित?ब्रोकली क्रूसिफेरस सब्जियों के परिवार से आती है, जिसमें एक खास पौधा यौगिक होता है, जिसे इंडोल-3-कार्बिनोल (I3C) कहते हैं। डॉ. परवीन बताती हैं, “यह यौगिक शरीर में अतिरिक्त एस्ट्रोजन को तोड़ने में मदद करता है और इसे सुरक्षित, संतुलित रूप में बदल देता है।” यह उन महिलाओं के लिए खासतौर पर फायदेमंद है, जो एस्ट्रोजन डोमिनेंस की समस्या से जूझ रही हैं, जिसके कारण मूड स्विंग्स, वजन बढ़ना और अनियमित मासिक धर्म जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
लिवर डिटॉक्स में ब्रोकली की भूमिकाआप जो खाते हैं, वह सीधे आपके लिवर के हार्मोन प्रोसेसिंग पर असर डालता है। ब्रोकली में सल्फोराफेन नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो चबाने पर रिलीज होता है। डॉ. परवीन कहती हैं, “सल्फोराफेन लिवर के डिटॉक्सीफिकेशन पाथवे को बढ़ावा देता है।” एक स्वस्थ लिवर पीएमएस या मेनोपॉज के दौरान अतिरिक्त हार्मोन को बाहर निकालने के लिए बहुत जरूरी है।
ब्लड शुगर और हार्मोन: ब्रोकली का जादूहार्मोन असंतुलन का ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव से गहरा संबंध है। डॉ. परवीन बताती हैं, “ब्रोकली में कार्ब्स कम और फाइबर ज्यादा होता है, जो इंसुलिन लेवल को नियंत्रित करने के लिए आदर्श है।” संतुलित इंसुलिन अन्य हार्मोन्स, जैसे एंड्रोजन्स को स्थिर रखने में मदद करता है, खासकर पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) जैसी स्थितियों में।
थायरॉइड और एड्रेनल हेल्थ के लिए ब्रोकली के फायदेलंबे समय तक रहने वाली सूजन हार्मोन सिग्नलिंग पाथवे में बाधा डाल सकती है। ब्रोकली में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक, जैसे विटामिन सी, फ्लेवोनॉइड्स और कैरोटेनॉइड्स, शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। डॉ. परवीन कहती हैं, “यह उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जो थायरॉइड असंतुलन या एड्रेनल थकान से जूझ रहे हैं।”
कितनी बार खानी चाहिए ब्रोकली?ब्रोकली न केवल एस्ट्रोजन मेटाबॉलिज्म को बेहतर करती है, बल्कि हार्मोन डिटॉक्स और पीएमएस के लक्षणों को कम करने में भी मदद करती है। यह महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक सच्चा सुपरफूड है। लेकिन इसे कितना खाना चाहिए? डॉ. परवीन सलाह देती हैं कि हफ्ते में 2-3 बार ब्रोकली को अपने आहार में शामिल करें। इसे स्टीम करके, हल्का भूनकर या स्मूदी में मिलाकर खाया जा सकता है। वे कहती हैं, “ब्रोकली कोई चमत्कारिक दवा नहीं है, लेकिन लंबे समय तक हार्मोन संतुलन के लिए यह एक स्मार्ट और प्राकृतिक विकल्प है।”
हार्मोन संतुलन के लिए ब्रोकली कई तरह से मदद करती है, चाहे वह एस्ट्रोजन मेटाबॉलिज्म हो, ब्लड शुगर कंट्रोल हो या लिवर डिटॉक्स। यह कोई एक सुपरफूड की बात नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली अपनाने की बात है, और ब्रोकली इसमें शुरुआत करने के लिए एक शानदार विकल्प है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सुझाव अपनाने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह लें।
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