Dehradun News : आज देहरादून की सड़कों पर गुस्सा और एकजुटता का माहौल देखने को मिला। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेतृत्व में सैकड़ों लोग कश्मीर में हिंदुओं पर हुए नृशंस हमलों के विरोध में एकत्र हुए। इस प्रदर्शन में दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोंन के साथ समस्त व्यापारी वर्ग ने भी हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान का पुतला और झंडा जलाकर अपना रोष जाहिर किया, साथ ही जूतों-चप्पलों से प्रतीकात्मक विरोध दर्ज किया। यह प्रदर्शन न केवल कश्मीर की घटनाओं के खिलाफ था, बल्कि देश की एकता और सुरक्षा के लिए एकजुट होने का संदेश भी दे रहा था।
कश्मीर में हिंसा - व्यापारियों का गुस्सा
कश्मीर में हाल ही में हिंदुओं पर हुए आतंकी हमलों ने पूरे देश को झकझोर दिया है। देहरादून में व्यापारी समुदाय ने इस क्रूरता के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। पंकज मैसोंन ने कहा कि यह सिर्फ एक समुदाय की बात नहीं, बल्कि पूरे भारत की सुरक्षा का सवाल है।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवादियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उन्हें ऐसी सजा दी जाए जो भविष्य में किसी को भी भारत के नागरिकों पर हमला करने की हिम्मत न दे। इसके साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान को भारत द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं को बंद करने की मांग भी उठाई।
सड़कों पर उतरने की चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान माहौल गरम था। व्यापारी समुदाय ने साफ शब्दों में कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही कड़ी कार्रवाई नहीं की, तो वे पूरे देहरादून को बंद कर सड़कों पर उतरेंगे। पंकज मैसोंन ने इसे “आक्रोश का आगाज” बताते हुए कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। व्यापारियों और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर अपनी मांगों को और मजबूती से रखा। इस प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों के लोग भी शामिल हुए, जिन्होंने देशहित में एकता का परिचय दिया।
समाज की मांग
प्रदर्शन में मौजूद लोगों ने न केवल पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की, बल्कि भारत में बैठे उसके समर्थकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की। उपस्थित व्यापार मंडल के पदाधिकारियों, जैसे सुनील बांगा, शेखर फुलारा, पंकज डीढ़ान, और अशोक अग्रवाल ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि देश का बहुसंख्यक हिंदू समाज अब और चुप नहीं रहेगा। इस मौके पर सैकड़ों महिला और पुरुषों ने हिस्सा लिया, जिसमें विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री विशाल चौधरी, श्याम शर्मा, और अन्य कार्यकर्ता भी शामिल थे।
एकजुटता का संदेश
यह प्रदर्शन सिर्फ आक्रोश तक सीमित नहीं था, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता का प्रतीक भी बना। देहरादून की सड़कों पर गूंजे नारे और जलते पुतले इस बात का सबूत थे कि जनता अब जाग चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से अपील की कि वह देश की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। इस आयोजन में शामिल लोगों ने न केवल अपनी मांगें रखीं, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत का हर नागरिक देशहित में एक साथ खड़ा है।
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