Chhath Puja : लोक आस्था और सूर्य उपासना का पावन महापर्व छठ इस वर्ष 25 अक्तूबर से शुभ योग में प्रारंभ होने जा रहा है। यह चार दिवसीय पर्व न सिर्फ व्रत और पूजा का उत्सव है, बल्कि परिवार, स्वास्थ्य, समृद्धि और संकल्प का भी प्रतीक माना जाता है।
परंपरा के अनुसार, इस वर्ष छठ की शुरुआत शोभन योग में और समापन सुकर्मा योग में होगा, जो इसे अत्यंत फलदायी बनाता है।
वेद विद्यालय, झूंसी के वेदाचार्य ब्रज मोहन पांडेय के अनुसार, शोभन योग में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत अत्यंत मंगलकारी मानी जाती है।
वहीं समापन पर लगने वाला सुकर्मा योग व्रतियों के कार्यों में सफलता, बाधाओं के निवारण और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए खास प्रभावशाली माना गया है। इस योग में सूर्यदेव की आराधना अत्यंत फलदायी होती है।
चार दिनों का पूरा छठ अनुष्ठान – एक नज़र में
पहला दिन – नहाय–खाय (25 अक्तूबर)
इस दिन शुद्धता, सात्विकता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। नदी या पवित्र जल में स्नान कर शुद्ध भोजन तैयार किया जाता है।
इस बार नहाय–खाय सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग में पड़ रहा है, जो इसे विशेष शुभ बनाता है।
दूसरा दिन – खरना (26 अक्तूबर)
खरना का दिन व्रतियों के लिए अत्यंत अनुशासन और संकल्प का होता है। व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं। शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और नए चावल से बनी खीर, रोटी या पूड़ी का प्रसाद तैयार किया जाता है।
सूर्यदेव को अर्पित करने के बाद व्रती यह प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसके बाद 36 घंटे का कठोर निर्जला व्रत प्रारंभ होता है।
तीसरा दिन – सांझ का अर्घ्य (27 अक्तूबर: षष्ठी तिथि)
इस दिन घाटों पर दीपों की रोशनी, गीत, भजन और लोक परंपराओं के बीच अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
व्रतियों के साथ परिवार और श्रद्धालु मिलकर उगते और डूबते सूर्य की आराधना करते हैं। यह दृश्य लोक संस्कृति की अनोखी झलक पेश करता है।
चौथा दिन – उगते सूर्य को अर्घ्य और पारण (28 अक्तूबर)
अंतिम दिन प्रातःकालीन सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है। विशेष बात यह है कि इस वर्ष उगते सूर्य को अर्घ्य सुकर्मा योग में दिया जाएगा।
मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से जीवन में सफलता, समृद्धि और शुभ फल प्राप्त होते हैं। अर्घ्य के बाद व्रती पारण कर व्रत समाप्त करती हैं।
भव्य तैयारियाँ शुरू – घाटों पर जुटा श्रद्धालुओं का उत्साह
पूर्वांचल छठ पूजा समिति एवं विकास समिति की ओर से संगम नोज पर कैंप कार्यालय स्थल का भूमि पूजन किया गया।
समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि छठ के दौरान घाटों की सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा, तम्बू, स्वास्थ्य और आपातकालीन सुविधाओं की तैयारियाँ तेज़ी से की जा रही हैं।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष अजय राय सहित नागेंद्र सिंह, अभिषेक आर्या, कृष्णानंद तिवारी, अमित सिंह, संजीव सिंह, अमन सिंह, अतुल राय, सौरभ सिंह आदि शामिल रहे।
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