राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत का जन्मदिन हर साल 11 सितंबर को मनाया जाता है। इस खास मौके पर उनके जीवन की कुछ ऐसी अनकही बातें सामने ला रहे हैं, जो शायद आपने पहले कभी नहीं सुनी होंगी। मोहन भागवत, जिन्हें सरसंघचालक के रूप में जाना जाता है, न सिर्फ RSS के मुखिया हैं, बल्कि एक ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपनी सादगी और विचारधारा से लाखों लोगों को प्रभावित किया है। आइए, उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को जानते हैं।
बचपन और शुरुआती जिंदगीमोहन भागवत का जन्म 11 सितंबर 1950 को महाराष्ट्र के चंद्रपुर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनराव मधुकरराव भागवत है। एक मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे मोहन का बचपन सादगी भरा था। उनके पिता मधुकरराव भागवत भी RSS से जुड़े थे और गुजरात में प्रचारक के तौर पर काम करते थे। मोहन ने अपनी पढ़ाई चंद्रपुर के लोकमान्य तिलक विद्यालय से शुरू की और बाद में नागपुर के वेटरनरी कॉलेज से पशु चिकित्सा में डिग्री हासिल की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोहन ने कभी इस डिग्री का इस्तेमाल नहीं किया? जी हां, पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन RSS को समर्पित कर दिया।
RSS के प्रति समर्पणमोहन भागवत का RSS से जुड़ाव कोई नई बात नहीं थी। उनके परिवार का इस संगठन से गहरा नाता रहा है। 1975 में आपातकाल के दौरान मोहन ने भूमिगत रहकर RSS के कार्यों को आगे बढ़ाया। उस समय वह सिर्फ 25 साल के थे, लेकिन उनकी निष्ठा और संगठन के प्रति समर्पण ने उन्हें जल्दी ही प्रमुख प्रचारक बना दिया। 2009 में जब के.एस. सुदर्शन ने सरसंघचालक का पद छोड़ा, तब मोहन भागवत को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। तब से वह RSS के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बने हुए हैं।
विचारधारा और नेतृत्वमोहन भागवत अपनी सादगी और स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते हैं। वह अक्सर कहते हैं कि RSS का लक्ष्य सिर्फ हिंदुत्व को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि एक मजबूत और एकजुट भारत का निर्माण करना है। उनके भाषणों में राष्ट्रीयता, संस्कृति और सामाजिक एकता की बातें प्रमुखता से सुनाई देती हैं। वह आधुनिकता और परंपरा को जोड़ने की कोशिश करते हैं, जिसके चलते युवाओं में भी उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं? हां, वह तकनीक का इस्तेमाल कम ही करते हैं और व्यक्तिगत मुलाकातों को ज्यादा तवज्जो देते हैं।
विवाद और आलोचनाएँमोहन भागवत का नाम कई बार विवादों से भी जुड़ा। उनके कुछ बयानों को लेकर विपक्षी दलों ने उन पर निशाना साधा है। मसलन, हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति पर उनके विचारों को कुछ लोग संकीर्ण मानते हैं। हालांकि, उनके समर्थक मानते हैं कि वह सिर्फ भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने की बात करते हैं। इसके बावजूद, मोहन भागवत हमेशा शांत और संयमित रहकर अपनी बात रखते हैं। उनकी यह खासियत उन्हें एक अलग तरह का नेता बनाती है।
निजी जीवन की सादगीक्या आप जानते हैं कि मोहन भागवत ने कभी शादी नहीं की? जी हां, उन्होंने अपना पूरा जीवन RSS और देश सेवा को समर्पित कर दिया। वह एक सादा जीवन जीते हैं और अक्सर साधारण कपड़ों में ही देखे जाते हैं। उनके करीबी बताते हैं कि वह कम बोलते हैं, लेकिन जब बोलते हैं, तो उनकी बातें गहरी छाप छोड़ती हैं। उनकी दिनचर्या में ध्यान, योग और किताबें पढ़ना शामिल है।
मोहन भागवत का जन्मदिन न सिर्फ उनके लिए, बल्कि RSS के लाखों स्वयंसेवकों के लिए भी खास है। उनके नेतृत्व में RSS ने सामाजिक कार्यों, शिक्षा और आपदा राहत में भी बड़ा योगदान दिया है। आज उनके जन्मदिन पर उनके विचारों और जीवन से प्रेरणा लेकर हम एक बेहतर भारत के निर्माण में योगदान दे सकते हैं।
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